मांस से कई गुना ज्यादा ताकतवर होती है इसकी रोटी, यह है खाने का सही तरीका

मक्का फाइबर, विटामिन्स, कैरोटिनॉयड्स आदि पोषक तत्वों का भरपूर स्रोत होता है। मोटे अनाज के रूप में बहुत पुराने समय से इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है। मक्के की रोटी और सरसों का साग पंजाब की स्पेशल डिश है मगर इसे देश के सभी हिस्सों में चाव से खाया जाता है। मक्के की रोटी में ढेर सारे ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए बहुत फायदेमंद हैं। मक्का मोटे अनाज के रूप में पुराने समय से प्रयोग किया जाता रहा है। आदिवासी मक्के को एक पूर्ण आहार के तौर पर देखते हैं। कोई बीमार हो या कमजोरी से जूझ रहा हो या किसी को खून से जुड़ी समस्या हो, आदिवासी मक्के का भरपूर इस्तमाल करते हैं। चलिए आज जानते हैं मक्के से जुड़े के कुछ अनसुने हर्बल नुस्खों के बारे में।

मक्का का आटा कोलेस्ट्रॉल को कम कर कार्डियोवैस्कुलर डिजीज का रिस्क कम करता है। इसमें ओमेगा-३ फैटी एसिड भी होता है, जो दिल को स्वस्थ बनाने का काम करता है। यह हाई बीपी की समस्या को कम कर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम करता है। नियमित मक्का का आटा खाने से शरीर में से बुरे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है।

आयुर्वेद के अनुसार भुट्टा तृप्तिदायक, वातकारक, कफ, पित्तनाशक, मधुर और रुचि उत्पादक अनाज है। इसकी खासियत यह है कि पकाने के बाद इसकी पौष्टिकता और बढ़ जाती है। पके हुए भुट्टे में पाया जाने वाला कैरोटीनायड विटामिन-ए का अच्छा स्रोत होता है।

भुट्टा दिल की बीमारी को भी दूर करने में सहायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी, कैरोटिनॉइड और बायोफ्लेवनॉइड पाया जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ने से बचाता है और शरीर में खून के प्रवाह को भी बढ़ाता है।

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