सिर्फ दवा से नहीं, इन चीजों का परहेज भी रखेगा खुजली पर कंट्रोल

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दाद एक परतदार और पपड़ीदार चकत्ते के कारण बनता है जो त्वचा पर गोल और लाल चकत्ते के रूप में दिखाई पड़ता है। दाद के अन्य संकेत और लक्षण भी हैं, जिनमें दाद की जगह से बाल झड़ना, खुजली, घाव या छाले आदि शामिल हैं। आज के समय में लगभग हर इंसान के दाद खाज की समस्या पाई जाती है। खाज खुजली होने के बहुत से कारण होते हैं। ये एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी और किसी भी उम्र में हो जाती है। इसका मुख्य कारण है गन्दगी से रहना। अगर शरीर में सफाई न रखी जाए तो दाद और खुजली जैसे रोग होने लगते हैं। लोग इस रोग से छुटकारा पाने के लिए दवाईयाँ लगते हैं जिनसे कोई फर्क नहीं पड़ता। आज हम आपको दाद खुजली से निजात पाने के लिए कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिनके प्रयोग से आपको इस रोग से छुटकारा मिल जायेगा।

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समुद्र के पानी से नहाना एक्जिमा के मरीज़ के लिए फायदेमंद है। इससे बचने के लिए नीम के कुछ पत्तों को उबालकर उसके पानी से नहायें। अनार के पत्तों का पेस्ट बनाकर दाद पर लगाने से भी फायदा होता है। नींबू के रस की कुछ बूंदें केले के गूदे में मिलाकर दाद वाली जगह पर लगाने से आराम मिलता है।

एक कटोरी में एलोवेरा जैल लें, उसमें मुल्तानी मिट्टी और गुलाब जल डाल कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को ज्यादा गड्ढा न करें. अब इस पेस्ट को रुई से दाद खाज खुजली से प्रभावित स्थान पर लगाएं और आधा से 1 घंटे तक लगे रहने दें, इसके बाद इसे धो लें .इस पेस्ट को लगाने से आपकी त्वचा में नमी भी आयेगी और साथ ही आपको त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा मिल सकता है।

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एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलना – दाद संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से किसी स्वस्थ व्यक्ति की त्वचा का संपर्क में आने पर यह रोग फैल सकता है।
जानवर से मानव में फैलाव – दाद से ग्रसित जानवर को स्पर्श करने से भी दाद का संक्रमण मनुष्य के शरीर फैल सकता है। जैसे घर के पालतू संक्रमित कुत्ते या बिल्ली को लाड़ प्यार करना। दाद का संक्रमण गायों में भी काफी सामान्य होता है।
वस्तु से मानव में फैलाव – मानव या जानवर द्वारा किसी संक्रमित वस्तु को छूने से भी दाद का संक्रमण उनमें फैल सकता है। संक्रमित वस्तुएं जैसे कि कंघी, ब्रश, कपड़े, तौलिया, बिस्तर और चादर।
मिट्टी से मानव में फैलाव – यह काफी कम होता है कि संक्रमित मिट्टी के संपर्क में आने से किसी व्यक्ति को दाद का संक्रमण हो जाय। पर अक्सर यह तभी होता है जब कोई व्यक्ति अत्याधिक संक्रमित मिट्टी के संपर्क में लंबे समय तक रहे।

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