किडनी को फेल होने से बचाना है तो आज से ही छोड़ दें ये 4 आदतें, पहली आदत है काफी खतरनाक

Kidney

किडनी खराब होना या जिसे मेडिकल भाषा में एक्यूट किडनी फेलियर कहते हैं, तब होता है जब आपके गुर्दे रक्त से अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करना अचानक बंद कर देते हैं। जब गुर्दों की रक्त छानने की क्षमता नष्ट हो जाती है, तो रक्त में अपशिष्ट पदार्थ खतरनाक स्तर पर जमा होने लगते हैं और इससे रक्त की रासायनिक संरचना असंतुलित हो जाती है। किडनी शरीर का मुख्य अंग है जो शरीर से सारे हानिकारक और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। किडनी रक्त को साफ कर सारे विषाक्त पदार्थों को मूत्र के रूप में शरीर से बाहर कर देती है। हर मनुष्य के शरीर में दो किडनी होती है। आपके किडनी को नुकसान पहुंचाने में जो कारक खेल सकते हैं वे हैं, पर्यावरण या दवाओं में मौजूद विषाक्त तत्वों के संपर्क में या तो तीव्र या पुरानी बीमारी, किडनी से उत्पन्न आघात और निर्जलीकरण का एक गंभीर रूप है। किडनी खराब होना घातक हो सकता है और इसके लिए विशेष उपचार की आवश्यकता होती है। हालांकि, एक्यूट किडनी फेलियर को वापस सामान्य स्थिति में लाया जा सकता है। इसके अलावा यदि आपका स्वास्थ्य अच्छा है, तो आप किडनी को सामान्य रूप से काम करने के लिए बेहतर बना सकते हैं।

रोजाना से हटकर अगर कई बार पेशाब आ रहा है तो ये किडनी में बीमारी की निशानी है। ऐसे हालात में जानने की कोशिश करें कि बार-बार पेशाब आने की वजह क्या किडनी की कोई बीमारी तो नहीं

मूत्र विसर्जन के वक्त अगर पेशाब में खून आए तो फौरन सावधान हो जाएं और तुरंत किसी यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें। पेशाब में खून आना सिर्फ किडनी खराब होने के लक्षण नहीं बल्कि किडनी या मूत्राशय में कैंसर होने का लक्षण भी है।

अगर किसी को ठंड लगने के साथ तेज बुखार आ रहा है तो ये संकेत है कि उसकी किडनी सही से काम नहीं कर रही।

हर दिन बदल रही लाइफस्टाइल की वजह से इंसान की जीवनशैली खराब होती जा रही है। वक्त पर खाना नहीं खाना, दवाईयों का ज्यादा इस्तेमाल और पानी की सही मात्रा नहीं लेने जैसी कई चीजें हैं जो किडनी को प्रभावित करती हैं। ऐसे में इसपर भार बढ़ता है और यह काम करना बंद कर देती है।

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