मुँह का कैंसर होने से पहले दिखने लगते हैं यह संकेत, क्लिक कर जान लें कहीं देर ना हो जाए

मुंह के कैंसर का जल्द पता नही चलता। जो व्यक्ति धूम्रपान करते हैं, गुटखा खाते है, या अधिक शराब पीते है उनमें ओरल कैंसर होने की आशंकाअधिक होती है। एक अनुमान के मुताबिक भारत में ओरल कैंसर के मरीज पूरे विश्व में सबसे अधिक हैं। ओरल कैंसर के करीब 90 प्रतिशत मरीज तंबाकू का सेवन करते हैं। एरिथ्रोपालकिया के नाम से जाना जाने वाला घाव मौखिक कैंसर में तब्दील हो सकता है।ये भी एक तथ्य है कि मुंह के कैंसर होने की संभावना पुरुषों में महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा होती है. 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों को सबसे ज़्यादा जोखिम होता है। आइए मुंह के कैंसर के लक्षण और इसके होने के कारणों को विस्तारपूर्वक समझें।

मुंह के कैंसर की शुरुआत छाले के रूप में होती है, पर यह छाला ऐसा है, जो जल्दी ठीक नहीं होता। इस दौरान गाल व मसूढ़े में सूजन व दर्द रहता है। मुंह खोलने में कठिनाई होती है। गर्दन में गांठ जैसी बनने लगती है। हर समय खराश रहती है। जीभ हिलाने पर तकलीफ होती है। आवाज साफ नहीं निकलती। कुछ रोगियों के दांत अचानक कमजोर हो जाते हैं और हिलने लगते हैं।

 

बिना किसी कारण नियमित बुखार आना।

थकान होना, सामान्‍य गतिविध करने से थक जाना।

गर्दन में किसी प्रकार की गांठ का होना।

ओरल कैंसर के कारण बिना कारण वजन का कम होता रहता है।

मुंह में हो रहे छाले या घाव जो कि भर ना रहे हों।

जबड़ों से रक्त का आना या जबड़ों में सूजन होना।

मुंह का कोई ऐसा क्षेत्र जिसका रंग बदल रहा हो।

गालों में लम्बे समय तक रहने वाली गांठ।

बिना किसी कारण लम्बे समय तक गले में सूजन होना।

मरीज की आवाज में बदलाव होना।

चबाने या निगलने में परेशानी होना।

जबड़े या होठों को घुमाने में परेशानी होना।

अनायास ही दांतों का गिरना।

दांत या जबड़ों के आसपास तेज दर्द होना।

मुंह में किसी प्रकार की जलन या दर्द।

ऐसा महसूस करना कि आपके गले में कुछ फंसा हुआ है।

ओरल सेक्‍स को भी ओरल कैंसर का एक कारण माना जाता है।

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